‘एवलांच में यात्री फंस गए हैं, क्या होगा एक्शन’ काल्पनिक सवालों से निकले चार धाम यात्रा की सुरक्षा तैयारी केे जवाब

उदंकार न्यूज
देहरादून। ‘चार धाम यात्रा चल रही है। अचानक चमोली में एवलांच में यात्रियों के फंसे होने की सूचना मिलती है। ऐसे में सबसे पहला एक्शन क्या होगा।’ चार धाम यात्रा की सुरक्षा तैयारियों को परखने के लिए यह एक काल्पनिक सवाल था। ऐसे कई और सवाल उठे। मसलन, भूकंप आने से यात्रियों में भगदड़ मच गई है। भीड़ प्रबंधन कैसे होगा। इन काल्पनिक सवालों का यह फायदा रहा कि सुरक्षा तैयारियों की असल स्थिति सामने आ गई और पता चल गया कि सरकारी मशीनरी कमर कस के यात्रा के लिए तैयार है।
30 अप्रैल से शुरू होने जा रही चार धाम यात्रा के लिए केंद्र और राज्य सरकार एक साथ सुरक्षा तैयारियों को परख रहे हैं। 24 अप्रैल को यात्रा व्यवस्था से जुडे़ सात जिलों में मॉक ड्रिल होनी है। इससे पहले, मंगलवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने मॉक ड्रिल के संदर्भ में टेबल टॉप एक्सरसाइज की। एनडीएमए के मेंबर सेकेट्री लेफ्टिनेंट जनरल (अप्रा) सैयद अता हसनैन और सीनियर एडवाइजर मेजर जनरल (अप्रा) सुधीर बहल ने जिलों की तैयारियों पर बात की और जरूरी निर्देश दिए। आपदा एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने विभिन्न विभागों के आला अफसरों के साथ चार धाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे उपायों को विस्तार से बताया। केंद्रीय टीम उत्तराखंड की तैयारियों से संतुष्ट नजर आई।
माणा की घटना के आलोक में राज्य की सराहना
-एनडीएमए के मेंबर सेकेट्री लेफ्टिनेंट जनरल (अप्रा) सैयद अता हसनैन ने पिछले दिनों माणा में आपदा की घटना का खास तौर पर जिक्र किया। इस मामले में विभिन्न एजेंसियों के तालमेल से बेहतर राहत अभियान चलाए जाने पर उन्होंने उत्तराखंड की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दिनों जिस तरह से उत्तराखंड ने फॉरेस्ट फायर पर मॉक ड्रिल किया, उसकी भी देशव्यापी चर्चा हुई है।
इन पर रहा जोर, तैयारी न पडे़ कमजोर
-यात्रा रूटों पर स्थित होटलों, धर्मशालाओं का फायर सेफ़्टी ऑडिट।
-यात्रा से संबंधित सभी विभागों की समान सेक्टर वार व्यवस्था।
-भीड़ प्रबंधन की गाइड लाइन का अनुपालन, प्रयागराज महाकुंभ का उदाहरण।
-मंदिर परिसरों में तैनात होने वाले वांलटियरों के उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था।
-चार धाम आने वालेे यात्रियों को सचेत एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।