जो शक्तियां राष्ट्रवाद के विरोध में, उन पर प्रतिघात हो

0

उदंकार न्यूज
-हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम ‘वेद विज्ञान एवं संस्कृति महाकुंभ’ का शुभारंभ करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ गिने-चुने लोग अपनी संस्कृति, गौरवमयी अतीत और वर्तमान विकास को लेकर अपमान का भाव रखते हैं और भारत की महान छवि को धूमिल करने में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि इनके हर कुप्रयास को कुंठित करना हर भारतीयों का परम दायित्व है और कर्तव्य है। ये जो ताकतें, हमारी संस्कृति के विरोध में हैं, राष्ट्रवाद के विरोध में हैं, हमारे अस्तित्व के विरोध में हैं, उन पर प्रतिघात होना चाहिए।
महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती तथा स्वामी श्रद्धानंद के बलिदान दिवस के अवसर पर आयोजित इस महाकुंभ में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) एवं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रतिभाग किया। अपने संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि माँ भारती के इस भू-भाग, देवभूमि उत्तराखंड में आना मेरा परम सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का वर्षों से नाम सुनता रहा हूं, आज पहली बार आने का मौका मिला है। नाम से ऊर्जावान होता रहा हूं, आज यहां से एक बड़ा संकल्प लेकर जाऊंगा। उपराष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि 2047 तक भारत न सिर्फ विकसित राष्ट्र होगा बल्कि विश्व गुरु की अपनी प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि मेरे सामने जो छात्र-छात्रायें हैं, वे 2047 के भारत के योद्धा हैं और निश्चित रूप से सफलता अर्जित करेंगे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *