शोक-हर्ष में लिपटा यह लोक का मिजाज है, लोकगीत शामदेई को नए अंदाज में सामने लाए हैं रजनीकांत सेमवाल

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विपिन बनियाल
-अपने गीत-संगीत के सफर में रजनीकांत सेमवाल ने लोक को कभी नहीं छोड़ा है। फोक के साथ फयूजन रजनीकांत सेमवाल के गीतों की सबसे बड़ी खासियत है। इस कड़ी में अब उनका शामदेई गीत सामने हैं, जो कि जौनपुर क्षेत्र में लोक का गीत है। स्वर्गीय गुंजन डंगवाल के महकते संगीत के बीच रजनीकांत सेमवाल और उनकी पूरी टीम का काम जबरदस्त है।
दरअसल, शामदेई एक शोकगीत है, जो गांव की एक होनहार युवा बहू की असामायिक मौत से जुड़ा है। जौनपुर क्षेत्र में यह गीत बहुत पहले से प्रचलित है और वहां के समारोह में अक्सर सुनाई देता है। मेरे धुन पहाड़ की यू-ट्यूब चैनल से बातचीत में रजनीकांत सेमवाल ने बताया कि एक समारोह में उन्होंने पहली बार इसे सुना था। उसी वक्त उन्होंने तय कर लिया था कि इस गीत कोे वह नए अंदाज में सामने लाएंगे। जौनपुरी के शब्दों को समझने में शुरूआती परेशानी हुई, लेकिन कुछ मित्रों के सहयोग से सब आसान हो गया।
रजनीकांत सेमवाल ने इस गीत को काफी पहले रिकार्ड कर लिया था। तब गुंजन डंगवाल हमारे बीच थे। यह लोकधुन थी, लेकिन रजनीकांत सेमवाल लोक और आधुनिक संगीत के बेहतर संयोजन के आकांक्षी थे। उनकी इस चाह ने उनका और गुंजन डंगवाल का मेल करा दिया। गुंजन ने भी ऐसा संगीत संयोजन किया कि पहाड़ का संगीत और प्रभावी होकर गूंजने लगा है।
सवाल यह उठता है कि शामदेई जब एक शोक गीत है, तो थौला-मेलों, रासौं, तांदी में खुशी-खुशी इसे क्यों गाया जाता है। क्यों लोग इस पर परंपरागत नृत्य के साथ नमूदार होते हैं। रजनीकांत सेमवाल इस सवाल का जवाब भी देते हैं। बकौल, रजनीकांत सेमवाल-निश्चित तौर पर यह शोक गीत रहा है, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद अब लोग अपनी दिवंगत होनहार बहू खुशी-खुशी याद करते हैं। यह स्वाभाविक भी है। सेमवाल के अनुसार-मैने भी इस गीत को रांसौं, तांदी में ही सुना है।
शामदेई गीत के कई मजबूत पक्ष हैं। रजनीकांत सेमवाल हर भूमिका में फिट है। उनको सुनना और परंपरागत डांस करते देखना, दोनों ही अच्छा लगता है। सैंडी गुसाईं परंपरागत डांस के साथ नए प्रयोग करते दिखाई दिए हैं, जो अच्छे लगते हैं। सिनेमेटोग्राफी में गोविंद नेगी का नाम जुड़ना मानो अपने आप में शानदार काम की गारंटी है। अजय सोलंकी, नताशा शाह और किरन रावत के साथ ही कलाकारों की पूरी टीम ने अपनी मेहनत से शामदेई को जबरदस्त बना दिया है। कुल मिलाकर शामदेई गीत को सुनना-देखना अच्छा लगता है। यदि आप इससे संबंधित विस्तृत जानकारी के इच्छुक हैं, तो मेरे यूू-ट्यूब चैनल धुन पहाड़ की के दिए गए लिंक्स को क्लिक कर सकते हैं।

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