लोक संस्कृति

पहली डिजिटल गढ़वाली फिल्म मेरी प्यारी बोई बीस साल बाद फिर से सिनेमाघर में

उदंकार न्यूजदेहरादून। गढ़वाली बोली भाषा में बनी पहली डिजिटल फिल्म मेरी प्यारी बोई की रिलॉन्चिंग के प्रीमियर शो का आज...

नेगीदा होली कु खिल्लया, नेगीदा के गीतों से और रंगीन हुआ है रंगों का त्योहार।

विपिन बनियाल-ज्यू बुनू च प्रेम का रंगों न/तेरी कोरी जिकुड़ी रंगे दूं/ऐंसू की होरी मा। (मन करता है कि इस...

इतिहास में दर्ज हुई पहली जौनसारी फीचर फिल्म-‘मैरे गांव की बाट’, जड़ों से जुड़ाव की है खूबसूरत दास्तान

विपिन बनियाल -उत्तराखंडी जौनसारी संस्कृति की सबसे बड़ी खासियत क्या है। आपसे कभी यह प्रश्न पूछा जाए, तो स्वाभाविक तौर...

‘ना त्यार, ना म्यार’-शेरदा अनपढ़ को विनम्र श्रद्धांजलि, कालजयी रचना पर दीवान-अजय की बेजोड़ जुगलबंदी

विपिन बनियाल-जीवन दर्शन पर शेर दा अनपढ़ की कालजयी रचना है-ना त्यार, ना म्यार। यानी ना तेरा, ना मेरा। जीवन...

लोक संगीत के रंग: पहाड़ के गीतों में प्रभावी ढंग से हैं जीवन के मूलमंत्र

उदंकार न्यूज-सांस छिन आस/औलाद तुम्हारी हमारी/डाली झम झमले/ना काटा/यूं न तुम्हारू क्या कार/बिचारी डाली झम। (हमारी सांस, हमारी संतान जैसे...

हीरा है सदा केे लिए, पहाड़ के गीतों की चमक यूं ही बिखरती रहेगी हमेशा-हमेशा

-राणा जी के गीतों पर अजय ढौंडियाल के भगीरथ प्रयास-पांडवाज के साथ मिलकर गीतों को ला रहे सामने हैउदंकार न्यूज-हीरा...

सुषमा श्रेष्ठ पूर्णिमाः ऐसी खनकती आवाज, जिसका दीवाना है पहाड़

-नेगीदा ने सबसे ज्यादा किया है इस आवाज का इस्तेमाल-पहाड़ी मूूल का होना सहज और प्राकृतिक होने की वजहउदंकार न्यूज-सुषमा...