चुनाव और अतीत के पन्ने: प्रतिकूल स्थिति में भी अटलजी ने रद्द नहीं की चुनाव सभा

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-1996 में गढ़वाल लोस सीट पर अटल जी ने की थी दो जगह सभाएं
-राज्य नहीं, तो चुनाव नहीं के आह्वान के कारण हो रहा था विरोध
उदंकार न्यूज

-यह वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव की बात है। प्रधानमंत्री पद के लिए अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव मेें भाजपा का चेहरा थे। अटल जी पूरे देश में जगह-जगह सभाएं कर रहे थे। गढ़वाल लोकसभा सीट पर अटल जी के दो कार्यक्रम तय हुए। एक देहरादून के परेड ग्राउंड में, तो दूसरा कोटद्वार के झंडा चैक में। देहरादून नगर क्षेत्र उस वक्त गढ़वाल लोकसभा सीट के अंतर्गत ही आता था। उत्तराखंड में राज्य नहीं, तो चुनाव नहीं के नारे का असर था। अटल जी की देहरादून परेड ग्राउंड में आयोजित सभा में जमकर हंगामा हुआ। पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और हालात बामुश्किल संभल पाए।

देहरादून की सभा के बुरे अनुभव के बाद यह माना जा रहा था कि अटल जी अब शायद कोटद्वार न जाएं, लेकिन वे वहां जाने का जैसे अटल इरादा कर चुके थे। अटल जी कोटद्वार पहुंचे और जोरदार सभा की। यहां अटल जी की सभा मेें कोई व्यवधान नहीं हुआ। अटल जी नेे अपने कोटद्वार प्रवास केे दौरान रात्रि विश्राम भारत इलेक्ट्रानिक्स के गेस्ट हाउस में किया और सुबह-सवेरे भाजपा नेता उमेश त्रिपाठी के निवास पर नाश्ता करने पहुंच गए। बाद में अटलजी सड़क मार्ग से कुमाऊं के दौरे पर निकल गए। उन्हें कुमाऊं तक छोड़ने के लिए उनके साथ कोटद्वार से भाजपा कार्यकर्ताओं का एक दल उनकी कार को पायलट करते हुए ले गया था। गढ़वाल लोकसभा सीट के प्रत्याशी भुवन चंद्र खंडूरी को जिताने के लिए अटल जी ने खूब मेहनत की थी, लेकिन इस चुनाव मेें जीत की बाजी कांग्रेस तिवारी के सतपाल महाराज के हाथ लगी।

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