राष्ट्रीय बालिका दिवस पर मेधावी और बहादुर बेटियों को सराहा, दिया सम्मान

-सीएम ने आवास पर 318 मेधावी बालिकाओं का सम्मान किया
-महिला सशक्तिकरण विभाग का ‘परिवर्तन पोर्टल’ लांच
-राजभवन में राज्यपाल ने बहादुर बच्चियों का सम्मान किया
उदंकार न्यूज
-राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बुधवार को मेधावी और बहादुर बेटियों को सम्मानित किया गया। सम्मान के यह कार्यक्रम सीएम आवास और राजभवन में आयोजित किए गए। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ‘मेधावी बालिका शिक्षा प्रोत्साहन’ कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022 और 2023 की टॉपर 318 बालिकाओं को पुरस्कृत किया। जनपद स्तर पर इंटरमीडिएट और हाईस्कूल में प्रत्येक जनपद से प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं और विकासखंड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र और स्मार्ट फोन देकर पुरस्कृत किया गया। दूसरी तरफ, राजभवन में उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग के कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) दो बहादुर बच्चियों को सम्मानित किया।

सीएम आवास में आयोजित कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग का ‘परिवर्तन पोर्टल’ लॉन्च किया और बालिका निकेतन, देहरादून की बालिकाओं को चन्द्रयान की अनुकृति भी भेंट की। सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक प्रयास कर रही है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने पुरस्कार प्राप्त करने वाली सभी बालिकाओं को शुभकामना दी।
दूसरी तरफ, राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने बहादुर बेटियों कु. आराधना एवं कु. नाजिया को सम्मानित किया। पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड खिर्सू की 10 वर्षीय बालिका आराधना ने वर्ष 2023 में बहादुरी का परिचय देते हुए गुलदार से अपने सात वर्षीय भाई की जान बचाई थी। 2023 में ही देहरादून के विकासखंड सहसपुर की 10 वर्षीय बालिका नाजिया नेे गुलदार के हमले से अपने तीन भाईयों की जान बचाई थी। राज्यपाल ने दोनों बच्चियों को प्रशस्ति पत्र दिया और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसके साथ ही राज्यपाल ने बाल संरक्षण आयोग की ओर से बनाए गए बाल विधायकों कु. भूमिका रौथाण, कु. दीक्षा खर्कवाल, कु. अगमसिफत कौर, कु. काजल कश्यप, कु. सुमेधा उपाध्याय को उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया। बाल कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों के लिए भी उन्होंने गीतिका शर्मा, प्रज्ञा भारद्वाज, राजेंद्र प्रसाद, गुरप्रीत सिंह एवं मंजू शर्मा को सम्मानित किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि जब भी प्रदेश में किसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में डिग्री या अवॉर्ड दिए जाते हैं तो लड़कों की तुलना में बेटियों की संख्या अधिक होती है जो एक सुखद बदलाव है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस हमारी प्रतिबद्वता को दोहराने और बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को और मजबूत करने का एक अवसर है। कार्यक्र्र्रम में प्रथम महिला गुरमीत कौर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ.गीता खन्ना, आयोग के सचिव प्रदीप सिंह रावत, आयोग के सदस्य विनोद कपरवाण, दीपक गुलाटी, अजय वर्मा, रेखा रौतेला, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
