फिलहाल रामभक्ति में धामी सरकार, फिर खत्म होगा यूसीसी का इंतजार

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-22 जनवरी के बाद यूूसीसी मामले में तेजी आने के प्रबल आसार
-धामी सरकार पर टिकी पूरे देश की नजरें, सीएम कर रहे इशारा
उदंकार न्यूज
-पूरे देश की तरह ही उत्तराखंड भी राममय है और सरकार अपने कार्यक्रमों के जरिये रामभक्ति में व्यस्त नजर आ रही है। 22 जनवरी तक ये ही स्थिति रहनी है, लेकिन इसके बाद समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का इंतजार खत्म हो सकता है। इसके प्रबल आसार माने जा रहे हैं। सरकार के स्तर पर गठित जस्टिस रंजना देसाई कमेटी अपना काम पूरा कर चुकी है। उसे सिर्फ अब राज्य सरकार को यूसीसी का वो ड्राफ्ट सौंपना है, जो उसने डेढ़ वर्ष में तैयार किया है। यह ड्राफ्ट करीब ढाई लाख सुझावों पर आधारित है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने पर यह स्वतंत्र भारत का पहला ऐसा राज्य हो जाएगा, जिसके नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, विरासत जैसे अहम मसलों पर एक कानून मौजूद होगा। गोवा में भी यह कानून लागू है, लेकिन आजाद भारत से पहले ही वहां इसके लिए रास्ता खुल गया था। आजाद भारत में ये कानून लागू करने वाला उत्तराखंड अब पहला राज्य बनने जा रहा है। उत्तराखंड पर इसलिए भी देश की निगाहें हैं कि क्योंकि यहां पर यह कानून लागू होने के बाद देशभर में इसके लिए माहौल बन सकेगा। मोदी सरकार पहले ही ये इरादा जाहिर कर चुकी है कि वह समान नागरिक संहिता को लागूू करेगी। एक हिसाब से उत्तराखंड की प्रयोगशाला में यूसीसी पर प्रतिक्रियाओं को परखा जाएगा और इसके बाद पूरे देश में इस पर कार्रवाई संभव हो पाएगी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी, जिसमें पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डा ़सुरेखा डंगवाल, सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड, सदस्य सचिव अजय मिश्रा शामिल रहे। इस कमेटी को यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई। इस कमेटी ने यह काम पूरा कर लिया है और इसे अब अपनी रिपोर्ट धामी सरकार को सौंपनी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी कई मौकों पर कह चुके हैं कि बहुत जल्द उत्तराखंड में यूूसीसी को लागूू कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूूमि के कार्यक्रम के बाद यूसीसी की गाड़ी उत्तराखंड में सरपट दौड़ने को एकदम तैयार है।

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