नारी शक्ति का सम्मान: राधा रतूड़ी बनीं उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव

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-शासन ने जारी किया आदेश, सीएस एसएस संधू हुए सेवानिवृत्त
-31 मार्च तक है रतूड़ी का कार्यकाल, विस्तार मिलने की संभावना
उदंकार न्यूज
-धामी सरकार ने आखिरकार मुख्य सचिव पद पर 1988 बैच की आईएएस अफसर राधा रतूड़ी की नियुक्ति के आदेश कर दिए हैं। उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली मर्तबा हुआ है, जबकि किसी महिला अफसर को मुख्य सचिव बनाया गया है। मुख्य सचिव एसएस संधू छह महीने पहले सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन उन्हें सरकार ने सेवा विस्तार दे दिया था, जिसकी समय सीमा बुधवार को समाप्त हो गई।
इस बात पर सभी की निगाहें थीं कि सरकार एसएस संधू को और सेवा विस्तार देकर मुख्य सचिव बनाए रखती है, या फिर पहली बार किसी महिला अफसर राधा रतूड़ी को नौकरशाही के इस सबसे बडे़ पद से नवाजती है। जल्द ही होने जा रहे लोकसभा चुनाव के नजरिये से यह अहम सवाल सभी के मन में तैर रहा था कि सरकार क्या फैसला करती है। संधू को मुख्य सचिव बनाए रखने के पीछे यह तर्क माना जा रहा था कि वह बेहद अनुभवी हैं और पीएमओ के पसंदीदा अफसर हैं। इसलिए ऐन लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें हटाया जाना मुश्किल होगा। इसके विपरीत, राधा रतूड़ी के पक्ष में यह बात जा रही थी कि नारी शक्ति को ज्यादा से ज्यादा अवसर देने के क्रम मेें धामी सरकार उनका चयन कर सकती है। आधी आबादी से जुडे़ इस अहम फैसले का पूरे देश में अच्छा संदेश जाएगा। वैसे भी, राधा रतूड़ी के सेवाकाल के सिर्फ दो महीने शेष हैं। वह 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त हो रही हैं। हालांकि उन्हें छह महीने के सेवा विस्तार की पूरी संभावना है। इन स्थितियों के बीच, सरकार ने राधा रतूड़ी को अवसर देना ज्यादा उचित समझा है। इससे पहले, एनडी तिवारी सरकार ने पहली महिला पुलिस महानिदेशक के तौर पर कंचन चौधरी भट्टाचार्य को अवसर दिया था। वे न सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश की पहली महिला डीजीपी बनी थीं।

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