गंगधारा विचारों का अविरल प्रवाह 2.0 इस वर्ष होगा दिल्ली में

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उदंकार न्यूज
देहरादून।
देवभूमि विकास संस्थान की बैठक संस्थान के संरक्षक एवं हरिद्वार लोकसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में देवभूमि विकास संस्थान के पदाधिकारी एवं बुद्धिजीवियों ने गंगधारा विचारों का अविरल प्रवाह भाग-2 की विषय-वस्तु, व्याख्यान हेतु आमंत्रित विशेषज्ञों की सूची को अंतिम रूप दिया।
व्याख्यान माला की विषय-वस्तु स्पष्ट करते हुए सांसद त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि आज तकनीकी विकास के युग में सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्थाओं में भी परिवर्तन हो रहा है। हर व्यक्ति पर दैनिक जीवन की दिनचर्या और आपाधापी म ें बहुत अधिक व्यस्त होने के कारण मानसिक दबाव भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इसलिए आवश्यकता है कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें मानसिक रूप से तैयार होना होगा और इसमें मनोवैज्ञानिकों, बुद्धिजीवियों एवं शिक्षाविदों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं तकनीकी का आने वाले दिनों में और अधिक विकास होगा और इसलिए युवाओं को तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल का भी प्रशिक्षण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिस देश का युवा स्वस्थ होगा वह देश उतनी अधिक तरक्की करेगा, इसलिए युवाओं को मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ रखना एक बड़ी जिम्मेदारी है।
बैठक में जीवन की जटिलताओं के समाधान, समाज में उनके व्यवहार, खुशहाल वैवाहिक जीवन जैसे विषयों पर एक पुस्तक संपादित किए जाने का निर्णय लिया गया, जिसका विमोचन इस वर्ष के व्याख्यान माला के दौरान किया जाएगा। देवभूमि विकास संस्थान द्वारा पिछले वर्ष गंगधारा विचारों का अविरल प्रवाह व्याख्यान माला प्रारंभ की गई थी, जिसका इस वर्ष द्वितीय संस्करण दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर पर आयोजित करने पर चर्चा की गई।
बैठक में अर्थशास्त्री प्रो. आर.पी. मंमगाई, भूगर्भवेत्ता प्रो. दीपक भट्ट, सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक राजेश भट्ट, दून विश्वविद्यालय प्रबंध संकाय अध्यक्ष एवं हिन्दू अध्ययन केन्द्र के समन्वयक प्रो. एच.सी. पुरोहित, देवभूमि विकास संस्थान के सचिव सत्येन्द्र सिंह नेगी, देवभूमि विकास संस्थान के संस्थापक सदस्य उमेश्वर सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।

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