डा. राकेश भट्ट को राष्ट्रपति के हाथों मिला संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

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-लोक रंगमच और संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान
-बहुआयामी प्रतिभा के धनी है दून विश्वविद्यालय में कार्यरत भट्ट
उदंकार न्यूज
-डा. राकेश भट्ट जब बगडवाली गाते हैं, तो उनके स्मृति में रूद्रप्रयाग जिले का अपना वो मगोली गांव और वहां का पंचायती चैक जरूर रहता है, जहां पर लोक धुनों और परंपराओं से उनका पहला साक्षात्कार हुआ था। जब पंडवाणी गाते हैं, तो महाभारत काल के चक्रव्यूह प्रसंग की याद ताजा हो जाती है। न सिर्फ लोक संगीत में वह रमे हुए हैं, बल्कि लोक रंगमंच की दुनिया में चाहे अभिनय हो, निर्देशन हो या फिर कोरियोग्राफी, डा राकेश भट्ट का इन सभी विधाओं में समान हस्तक्षेप है। बहुआयामी इस प्रतिभा ने ही उन्हें भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार का हकदार बना दिया है। दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों यह सम्मान प्राप्त कर उन्होंने पूरे उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है।

मंगोली गांव में जहां पर डा राकेश भट्ट का पैतृक निवास है, वहां पर स्थित पंचायती चैक में उन्होंने अपने बचपन से पारंपरिक लोक संगीत से जुडे़ कार्यक्रम होते देखे हैं। यही से उनके सीखने की शुरूआत हुई, जिसने समय बीतने के बाद श्रीनगर और अन्य दूसरी जगहों पर विस्तार पाया। गढ़वाल विश्वविद्यालय में कार्यरत रहने के बाद वर्तमान में वह दून विश्वविद्यालय में रंगमंच विभाग में सेवाएं दे रहे हैं।
डा राकेश भट्ट के अनुसार-श्रीनगर में रंगमंच और लोक संगीत के संबंध में काफी कुछ सीखन को मिला। उसी दौरान संगीत नाटक अकादमी की एक वर्कशाॅप में भाग लेने का मौका मिला था, जिसने उनकी सोच को एकदम बदल दिया। नसीरूद्दीन शाह, अमरीश पुरी और अनुपम खेर जैसे दिग्गजों ने तब रंगमंच, लोक रंगमंच और आंचलिक रंगमंच के बीच के बारीक अंतर को समझाया था। तब तय कर लिया था कि अब जो कुछ करना है, वह लोक रंगमंच के लिए ही करना है। भट्ट का कहना है-वर्तमान समय में भारत सरकार की पैनी निगाह उन कलाकारों तक जा रही है, जो कि बहुत छोटी सी जगह पर वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। यह शुभ संकेत है। पुरस्कार मिलने से उत्साहित डा भट्ट का कहना है कि यह पुरस्कार जिम्मेदारी भी दे गया है। जिम्मेदारी ये कि अब और बेहतर ढंग से काम करके दिखाना है। डा राकेश भट्ट पर केंद्रित वीडियो आप धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल पर विस्तार से देख सकते हैं, जिसमें उनका विस्तृत इंटरव्यू तो है ही, साथ ही है उनकी गायी बगड़वाली और पंडवानी।

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