कमला … . . .झोड़ा-चांचरी मेें अजय-दीवान का दोहरा कमाल, पारंपरिक लोक गीत में गजब की गायिकी, गजब का हुड़का वादन

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विपिन बनियाल

-उत्तराखंडी लोक संगीत के गुलदस्ते में कई तरह के फूल हैं। इन फूलों को एक-एक करके हमारे सामने ला रहे हैं अजय दीवान। अजय यानी डाॅ अजय ढौंडियाल और दीवान यानी दीवान कनवाल। अब जिस झोड़ा-चांचरी को अजय दीवान की जोड़ी सामने लाई है, वह पारंपरिक लोक गीत है। मगर एक खास बात अपनी तरफ से अजय दीवान की जोड़ी ने इसमें और जोड़ी है। इस गाने में ये जोड़ी सिर्फ गायन तक सीमित नहीं रही है, बल्कि उन्होंने हुड़का भी गजब का बजाया है।
यह बहुत कम लोग जानते होंगे कि दीवान कनवाल जितने उम्दा गायक हैं, उतना ही जबरदस्त हुड़का वादक भी हैं। आकाशवाणी में दीवान दा हुड़के के बी-हाईग्रेड कलाकार हैं। गायिकी में तो खैर उन्हे ए ग्रेड बहुत पहले से ही हासिल है। उन्होंने इस गाने में जमकर हुड़का बजाया है। इसके अलावा, पत्रकारिता की पृष्ठभूमि वाले डाॅ अजय ढौंडियाल की बात करें, तो उनका भी हुड़के पर काफी अच्छा हाथ है।
यह पारंपरिक लोक गीत है। यह जानकारी नहीं है कि इस गीत को किसने लिखा है, लेकिन जहां तक इसके संगीत का सवाल है संगीत निर्देशक रंजीत सिंह ने बढ़िया काम किया है। तमाम वाद्य यंत्रों के साथ ही हुड़के में भी वह सिद्धहस्त हैं। इसलिए अजय-दीवान से गाना गंवाने के साथ ही उनके बजाए हुड़के का वह बेहतरीन इस्तेमाल कर गए हैं। इस वजह से इस झोड़ा चांचरी गीत में हुड़के की घमाघम भी खूब सुनाई दी है। मेरे ‘धुन पहाड़ की’ यू ट्यूब चैनल में अजय-दीवान के इस गीत पर पूरा वीडियो उपलब्ध है। आप दिए गए लिंक पर क्लिक कर इसे देख सकते हैं।

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