मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों का 30 वर्ष बाद हिसाब शुरू, दो को उम्रकैद

उदंकार न्यूज
-उत्तराखंड आंदोलन के दौरान देश दुनिया को शर्मसार कर देने और झकझोरकर रख देने वाले मुजफ्फरनगर कांड में 30 वर्ष बाद गुनाहगारों का हिसाब शुरू हो गया है। मुजफ्फरनगर कांड से संबंधित एक केस में मुजफ्फरनगर के अपर न्यायाधीश की अदालत ने पीएसी के तत्कालीन दो कार्मिकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा, दोनों दोषियों को एक लाख के जुर्माने की सजा भी सुनाई गई ह
अदालत ने दोनों पुलिसकर्मियों को 15 मार्च को आंदोलनकारी महिलाओं से छेड़छाड़ और दुष्कर्म का दोषी माना था। साथ ही, यह कहा था कि वह 18 मार्च को दोषियों को सजा सुनाएगी। सोमवार को अदालत ने पुलिसकर्मी मिलाप सिंह और वीरेंद्र सिंह के लिए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुना दी। अदालत ने यह भी कहा है कि जुर्माने की रकम पीड़िता को प्रदान की जाएगी। इस फैसले से राज्य आंदोलनकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। मुजफ्फरनगर कांड से जुडे़ किसी केस में 30 वर्ष बाद किसी को दोषी को सजा सुनाई गई है। दो अक्टूबर 1994 को उत्तराखंड राज्य के समर्थन में दिल्ली में आयोजित रैली में भाग लेने जाते वक्त आंदोलनकारियों पर पुलिस ने जुल्म ढाया था।