आज हो या कल, प्रीतम हर दौर में अप्रतिम, प्रीतम भरतवाण की गायिकी का जादू बरकरार

उदंकार न्यूज
देहरादून। जागर लगाकर देवताओं का आह्वान करना हो तो एक नाम सबसे पहले याद आता है-प्रीतम भरतवाण। मयालु पहाड़ की भूली-बिसरी बातें हों, तो प्रीतम भरतवाण में हमें अपनी अनवार दिखती है।
प्रेम-माया की अभिव्यक्ति का तो कहना ही क्या। प्रीतम यहां पर भी अप्रतिम हैं। बात आज की हो या वर्षों पुरानी, समय बदला, लेकिन प्रीतम भरतवाण का जादू वो ही है। समाज जीवन के वो चाहे कोई से भी रंग क्यों न हो, प्रीतम भरतवाण की आवाज के साथ घुलकर वह और भी चमकदार हो गए। 17 सितंबर को जन्मदिन पर पदमश्री प्रीतम भरतवाण को ढेर सारी शुभकामनाएं।