अजेय …द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ द योगी में उत्तराखंड का दिखता है दम

विपिन बनियाल
-उत्तराखंड का एक सामान्य युवक अजय बिष्ट किन-किन पथरीली राहों से गुजरकर योगी आदित्यनाथ बना है, इसे यदि आप महसूस करना चाहते हैं, तो अजेय …द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ द योगी फिल्म आपके लिए बनी है। एक नए तरीके से ये फिल्म योगी आदित्यनाथ से आपको मिलवाती है। उत्तराखंड के पौड़ी जिले के यमकेश्वर क्षेत्र का एक छोटा सा गांव पंचूर, जो खुद नहीं जानता रहा होगा, कि यहां से निकलकर एक बालक देश की एक बड़ी राजनीतिक हस्ती बन जाएगा। अजेय फिल्म में इस बालक की ही कहानी है। पंचूर गांव तो है ही, साथ ही, कोटद्वार और ऋषिकेश भी हैं, जहां पर योगी का छात्र जीवन गुजरा है।
यह फिल्म शांतनु गुप्ता की किताब द मान्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर से प्रेरित है। चूंकि योगी आज की तारीख में राजनीति का एक चर्चित और बड़ा चेहरा है। इसलिए जाहिर तौर पर फिल्म बनाते वक्त निर्माता रितू मैंगी और निर्देशक रवींद्र गौतम ने कई बातों का खास ख्याल रखा है। घटनाओं को फिल्माने में उसी अनुरूप छूट भी ली गई है। फिल्मी तड़के भी लगाए हैं, लेकिन इसके बावजूद यह फिल्म अपने पूरे प्रभाव से योगी के जीवन, खास तौर पर उनके शुरूआती जीवन को मजबूती से सामने रखती है।
यकीनन, संन्यासी बनने के लिए घर छोड़ने वाला सीन फिल्म की जान है, लेकिन महंत अवैद्यनाथ के देहांत पर योगी का रोना, संन्यासी बनने के बाद मां का पैर छूने का प्रयास या फिर मठ में पिता का अपना चश्मा छोड़ जाने वाले दृष्य भावनाओं के तार छेड़ जाते हैं। इससे इतर, राजनीति में कदम रखने के बाद जनहितों के लिए संघर्ष की राह पर चलते एक मजबूत व्यक्तित्व वाले योगी को देखना भी दर्शकों को पसंद आता है। योगी बने अनंत वी जोशी कमाल के हैं। योगी के गुरू बने परेश रावत और योगी के पिता बने पवन मल्होत्रा की अदाकारी दमदार है। अजय से योगी आदित्यनाथ बनने तक के सफर में फिल्म में सिर्फ उनके सीएम बनने तक की कहानी को लिया गया है।
शांतनु के साथ अजेय देखेंगे योगी के दोस्त
-अजेय फिल्म के लेखक शांतनु गुप्ता के साथ योगी आदित्यनाथ के काॅलेज दिनों के साथी यह फिल्म जल्द ही देखेंगे। इस फिल्म को ऋषिकेश में देखना प्रस्तावित किया गया है। शांतनु गुप्ता ने वर्ष 2017 में जब अपनी किताब लिखी थी, तब उन्होंने कोटद्वार व ऋषिकेश में योगी के दोस्तों से मुलाकात कर उनके अनुभव एकत्रित किए थे। अब उन्हीं के साथ योगी की फिल्म देखने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है।