मेरी किताब पर योगी जी की फिल्म बनना सुखद अहसासः शांतनु गुप्ता, ‘द मान्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ से प्रेरित है ‘अजेय’

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विपिन बनियाल
– शांतनु गुप्ता के दिल के बेहद करीब है योगी आदित्यनाथ की बायोपिक मूवी अजेय द अनटोल्ड स्टोरी आॅफ ए योगी। इसकी खास वजह है। उनकी आठ वर्ष पहले उनकी लिखी किताब द मान्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर को आधार मानकर ही इस फिल्म का निर्माण हुआ है। शांतनु गुप्ता इसके फिल्म निर्माण में भी अहम भूमिका निभायी है। वह कहते हैं-मेरी 130 पेज की छोटी सी किताब पर ढाई घंटे की फिल्म बनना मेरे लिए सुखद अनुभूति कराने वाला है। उत्तराखंड प्रवास के दौरान विशेष बातचीत में शांतनु गुप्ता ने कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंशः
प्रश्नः-आपकी पढ़ाई तो ऋषिकेश-पंतनगर जैसी जगहों पर हुई है। योगी जी पर किताब लिखने के दौरान के अनुभव बताइये।
उत्तर-जी, मेरे पिताजी केेंद्र सरकार की नौकरी में थे। इसलिए पहले आईडीपीएल ़ऋषिकेश और फिर बाद में पंतनगर में पढ़ाई की। वर्ष 2017 में योगी जी की बायोपिफ लिखने के लिए मैं उत्तराखंड के पंचूर गांव, कोटद्वार, ऋषिकेश और तमाम अन्य जगहों पर टीम के साथ गया। तब तब योगी जी के पिता आनंद सिंह जी भी जीवित थे। उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी। वे जानकारी नहीं देते, तो शायद बायोपिक न लिखी जाती। फिल्म बनना भी मुश्किल होता।
प्रश्नः अजेय द अनटोल्ड स्टोरी आॅफ ए योगी आपकी किताब पर आधारित है। फिल्म निर्माण में आपकी किस तरह की भूमिका रही।
उत्तर-फिल्म बनाने वालों को ये नहीं पता था कि उत्तराखंड में कहां पंचूर गांव है और कहां कोटद्वार कस्बा है। ऋषिकेश का वह थाना कहां है, जहां पर न्याय के लिए योगी अड़ गए थे। इसलिए फिल्म के निर्माण के साथ मुझे जुड़ना पड़ा। मैं फिल्म यूनिट के साथ लगातार एक्टिव रहा। उत्तराखंड के तमाम उन हिस्सों में भी गया, जहां वर्ष 2017 में किताब लिखने के दौरान गया था।
प्रश्न-अजेय फिल्म को किस तरह का रिस्पांस मिल रहा है। आपके क्या अनुभव हैं।
उत्तर-देखिए, मैं तो पिछले आठ वर्षों से योगी जी की बायोपिक को जी रहा था, लेकिन मेरी छोटी सी किताब पर इतनी बड़ी और प्रभावी फिल्म का बनना मुझे रोमांचित करता है। हालांकि कतर में मूवी बैन कर दी गई। चेन्नई में फिल्म के पोस्टर पर कालिख पोत दी गई। मगर देश-विदेश में तमाम जगहों पर लाखों लोग फिल्म देख चुके हैं। योगी जी जैसे राष्ट्रवादी संत के जीवन चरित्र से जुड़ी बातों के साथ लोग जुड़ रहे हैं, ये मेरे लिए खुशी की बात है।
प्रश्नः-इस फिल्म के लिहाज से उत्तराखंड की भूमिका को आप कितना महत्वपूर्ण मानते हैं।
उत्तर-देखिए, योगी जी तो उत्तराखंड के ही हैं। लोग मजाक में कहते हैं कि उत्तराखंड ने तो योगी जी को यूपी को लोन पर दिया हुआ है। उत्तराखंड से निकलकर अब वह देश के काम आ रहे हैं। उत्तराखंड प्रदेश का जैसा राष्ट्रवादी चरित्र है, उसी की छाप योगी जी पर है। इस फिल्म की कहानी से लेकर इसके कई किरदार तक उत्तराखंड के हैं। योगी बने अनंत वी जोशी उत्तराखंड से ही हैं। फिल्म की करीब 35 फीसदी शूटिंग हमने उत्तराखंड में ही की है।
प्रश्न-अजेेय फिल्म योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने की घोषणा पर ही समाप्त हो जाती है। क्या इसका दूसरा पार्ट आएगा।
उत्तर-देखिए, यूपी के सीएम रहते हुए योगी जी ने ऐतिहासिक कार्य किए हैं। अजेय फिल्म उनके जीवन के शुरूआती हिस्से को ही दिखाती है। पूरी गुंजाइश है कि इसका दूसरा पार्ट बनाया जा सके।

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