नेगीदा की नए जमाने के गायकों पर दो टूक राय-कंठ सुंदर, कन्टेंट कमजोर है

-नए गायकों ने अपने लिए विषय भी बहुत सीमित रखे हुए हैंः नेगीदा
-नेगी के गीतों का सबसे मजबूत पक्ष उसका शानदार कन्टेंट रहा है
उदंकार न्यूज
-अपनी पांच दशक लंबी गीत-संगीत यात्रा में नरेंद्र सिंह नेगी ने बहुत कुछ हमें दिया है। उत्तराखंडी लोक जीवन के पहलू को छूने की कोशिश की है। नए जमाने के गायकों के साथ नेगीदा लगातार कदमताल कर रहे हैं। अपनी रचनाधर्मिता से सभी को चौंका भी रहे हैं। वे ये तो मानते है कि नए गायक हुनरमंद हैं और उनका कंठ अच्छा है, लेकिन कुछ बुनियादी चीजों का अभाव भी वे महसूूस करते हैं। नेगीदा का मानना है कि नए गायक मजबूत टेबल वर्क नहीं कर रहे हैं और कन्टेंट को लेकर उनकी मेहनत कम है।
दरअसल, गीतों के कन्टेंट पर नेगी दा का जोर यूं ही नहीं है। उनके खुद के गीतों का सबसे बड़ा और मजबूत पक्ष हमेशा ही उसके कन्टेंट को माना गया है। नेगीदा के किसी भी गीत में उसके बोल सबसे पहले प्रभाव छोड़ते हैं। बाद में, गायिकी, धुन और संगीत-संयोजन सब कुछ मिलकर गीत-संगीत की ऐसी दुनिया रचते हैं, जिसमें सुनने वाले का खो जाना तय होता है। नए गायकों को नेगीदा की नसीहत सार्वजनिक मंचों से भी मिल रही है। हाल ही में प्रख्यात कवि और गीतकार मदन मोहन डुकलान की किताब के विमोचन के कार्यक्रम में भी नेगीदा ने अपनी बेबाक राय सामने रखी। बकौल, नेगीदा-नए गायकों को कन्टेंट पर मेहनत करनी होगी। इसके अलावा देखने को मिल रहा है कि नए गायकों ने अपने लिए विषय भी बहुत सीमित रखे हैं। पहाड़ के लोक जीवन से जुड़ी तमाम सारी बातें नए गानों से गायब है, जो कि गलत है। नेगीदा की नए गायकों के लिए नसीहत का पूरा विवरण यू ट्यूब चैनल धुन पहाड़ के वीडियो में उपलब्ध है, जिसमें नेगीदा खुद अपनी बात कह रहे हैं।